सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है|types of state of matter

ब्रह्मांड में पदार्थ  की पांच अवस्थाएं होती है।

ब्रह्मांड की सभी वस्तुएं सभी चीजें चाहे वह कुछ भी हो किसी न किसी अवस्था में पाई जाती है जैसे लकड़ी ठोस अवस्था में पानी तरल अवस्था में और ऑक्सीजन गैस गैस की अवस्था में पाई जाती है। ठोस द्रव और गैस की अवस्था का अपना ही महत्व है। किंतु इसके अलावा पदार्थ की अवस्थाएं और होती है एक प्लाज्मा और दूसरा bose-einstein-condensate अवस्था।
 यह दोनों अवस्थाएं अपने रूप में ही अद्भुत है। इसकी जानकारी हम आगे पढ़ेंगे, आइए सबसे पहले हम पदार्थ की तीन अवस्थाएं ठोस द्रव और गैस के बारे में जानते हैं।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती हैं,पदार्थ की अवस्थाएं

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

पदार्थ की तीन अवस्था ठोस ,द्रव और गैस। ठोस में वस्तु बहुत ही हार्ड होता है इसे कहीं भी रख देने पर यह इधर-उधर नहीं  फैलता है इसका खुद का आकार निश्चित होता है इसे किसी भी कंटेनर में रखने पर उसका स्थान नहीं घेरता है बल्कि यह अपने मूल आकार में ही रहता है ठोस की अवस्था बहुत ही अद्भुत है इसे चाहे हम कितना भी कुछ कर ले इसकी व्यवस्था कभी नहीं बदलती है ठोस को अगर दबाया जाए तो यह संपीड़न होने के बजाय टूट जाएगा। कई प्रकार के ठोस में चमक भी होता है जैसे लोहा स्टील। लेकिन कुछ ठोस ऐसे भी होते हैं जिसके अंदर कोई चमक नहीं होता है जैसे लकड़ी इत्यादि। ठोस का अपना खुद का कलर भी होता है ठोस कई प्रकार के रंगों में उपलब्ध होते हैं जैसे लकड़ी भूरे रंग में उपस्थित होता है पत्थर के रंग भी कई प्रकार का होता है। ठोस का अपना खुद का मेहक होता है हम इसके महक को अपने नाको द्वारा महसूस कर सकते हैं। ठोस के रंगों के बीच रिक्त स्थान बहुत कम लगभग ना के बराबर होता है इस के अंगों के बीच आकर्षण बल बहुत ही ज्यादा मजबूत होता है जिसके कारण या ठोस अवस्था में बने रहता है इसके कारण इसके अणु इधर-उधर नहीं भागते हैं। अपने आकर्षण बल के कारण ही ठोस, ठोस अवस्था में रह पाता है इसे किसी भी बर्तन में रखने पर यह उस बर्तन का आकार नहीं लेता है अपने मूल आकार में स्वतः बने रहता है इसे अपना आकार बनाने के लिए किसी भी दूसरे चीज पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है इसका स्वयं का खुद का आकार होता है।

पदार्थ की पांच अवस्थाए होती है

द्रव भी ठोस की तरह ही बड़ा अद्भुत, और अनोखा है द्रव को किसी भी कंटेनर में रखने पर यह उसी का आकार ले लेता है उसका खुद का कोई निश्चित आकार नहीं होता है ना इसका कोई रंग होता है और ना ही इसमें कोई महक होता है। अगर द्रव में कुछ मिला दिया जाए तो उसका रंग बदल जाता है द्रव में महक मिलाने पर ही उसमें महक आता है। किंतू द्रव का खुद का कोई महक नहीं होता है ना ही इसका कोई आकार होता है यदि द्रव को किसी शीशी में रख दिया वह उसी का आकार ले लेगा ,नदी में बहता हुआ पानी भी एक तरल पदार्थ ही है उसका भी खुद का कोई निश्चित आकार नहीं होता है,जिसका कोई आकार नहीं होता है नदी के किनारों के हिसाब से वह आकार ले लेता है। द्रव के अणुओं के विच ठोस के मुकाबले अत्यधिक रिक्त स्थान होता है जिसके कारण यह ठोस की तरह खुद का कोई आकार नहीं बना पाता है इसे जहां भी इसे रखा जाए उसी का आकार ले लेता है। द्रव के अणुओं के बीच आकर्षण बल ठोस की मात्रा में काम होता है लेकिन गैस के मुकाबले ज्यादा होता है इसीलिए उसके अणु इधर उधर नहीं भागते है लेकिन ये एक जगह अपनी आकार में नहीं रह पाते है,इसे जहा भी रख दो उसी का आकार ले लेता है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

गैस भी ठोस एक द्रव की तरह ही बहुत अद्भुत है लेकिन यह बड़ा ही अजीब व्यव्हार करता रहता है इसका ना तो आकार निश्चित होता है और ना ही आयतन और यह में दिखाई भी नहीं देता है गैस के अणुओं के बीच काफी मात्रा में रिक्त स्थान होते हैं जिसके कारण इसके अणु इधर उधर भागते रहते है ,कभी यहां तो अगले पल ही यह हमें कहीं और महसूस होते है। हम गैस को देख नहीं सकते है लेकिन महसूस कर सकते है गैस के अणुओं के बीच काफी मात्रा में रिक्त स्थान होता है एक आकर्षण बल ना के बराबर होता है जिसके कारण इसे हम छोटे से छोटे बर्तन में भी भर सकते है और उतने ही गैस को बड़े बर्तन में भी रख सकते है । बड़े बर्तन में जिस्टना गैस आ रहा है उसी गैस को हम उससे कई गुना छोटे बर्तन में भी रख सकते है ,क्यूंकि इसके अणुओं के बीच कम आकर्षण बल के कारण इसके अणु इधर उधर भागते रहते है और हम इसे दबाकर अर्थात संपीड़ित कर किसी भी बर्तन में रख सकते है चाहे वह छोटा हो या बड़ा। गैस का कोई निश्चित आकार नहीं होता है यह बस दूसरों के सहारे किसी भी जगह रह सकता है ,यदि उस खिला छोड़ दिया जाए तो उसके अणु कहा कहा उड़ जायेंगे कुछ नहीं कहा जा सकता।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

पदार्थ की अवस्थायें (States of matter): वह विशिष्ट रूप हैं, जो कोई पदार्थ धारण या ग्रहण कर सकता है। ऐतिहासिक संदर्भ मे, इन अवस्थाओं का अंतर पदार्थ के समग्र गुणों के आधार पर किया जाता था। ठोस वह अवस्था है जिसमें पदार्थ एक निश्चित आकार और आयतन ग्रहण करता है, द्रव अवस्था में पदार्थ का आयतन तो निश्चित होता है पर आकार यह उस पात्र का ग्रहण करता है जिसमे इसे रखा जाता है, गैस के मामले में ना तो कोई निश्चित आकार ना ही कोई निश्चित आयतन होता है और पदार्थ फैल कर उपलब्ध आयतन को ग्रहण कर लेता है।

पदार्थ / द्रव्य (matter) :

ब्रह्मांड में उपस्थित वह सब कुछ जो स्थान घेरता है, वह पदार्थ कहलाता है।जैसे - बर्फ,पानी, गैस,लकड़ी,पत्थर इत्यादि।

पदार्थ की अवस्थाए : 

पदार्थ की तीन अवस्थाएं होती है:
  1. ठोस (solid)
  2. द्रव (liquid)
  3. गैस (gas)
पदार्थ की तीन अवस्थाओं के अतिरिक्त पदार्थ की दो और अवस्थाएं होती हैं ,जिसे चौथी एवं पांचवीं अवस्था के रूप में जानते है:-
      4. चौथी अवस्था : प्लाज्मा(plazma)
      5. पांचवी अवस्था : bose-einstein-condensation।


पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।
पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है|types of state of matter, पदार्थ की अवस्थाएं

1)ठोस(solid) :
  • ठोस अवस्था में वस्तु का आकार(shape) और आयतन(volume) निश्चित होता है।
  • ठोस में बाह्य दाब(external pressure) लगने पर अपना आकार बनाए रखने की क्षमता होती है।
  • ठोस गर्म होने पर यह थोड़ा सा फैलता है और ठंडा करने पर थोड़ा सा सिकुड़ता है। जैसे: रेल की पटरियों के बीच खाली जगह को हम देख सकत है, इसका यही कारण है लोहे का फैलना व सिकुड़ना।
  • ठोस आंतरिक आणविक स्थान कम जबकि अणुओं के मध्य आकर्षण बल सर्वाधिक होता है। इसी प्रभाव के चलते ठोस का घनत्व अधिक होता है।
  • ठोस का अपना रंग होता है।
  • ठोस में नगण्य संपीड्यता होती है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है|types of state of matter। पदार्थ की अवस्थाएं

2) द्रव(liquid) :
  • द्रव का आयतन (volume) स्थिर (fix) होता है, लेकिन इसके आकार(shape) में स्थान के हिसाब से परिवर्तन होता रहता है।
  • किसी निश्चित तापमान पर द्रव का निश्चित आयतन होता है और यह उसी बर्तन का आकार ले लेता है जिसमें इसे रखा जाए।
  • द्रव के अणुओं के बीच आकर्षण बल और घनत्व ठोस की तुलना में कम, जबकि गैस की तुलना में अधिक होता है।
  • ठोस की भांति द्रव का आयतन भी तापमान में बदलाव के साथ कुछ हद तक प्रभावित होता है।
  • द्रव में संपीड्यता(compressibility) नहीं होती है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है|types of state of matter। पदार्थ की अवस्थाएं

3) गैस(gas) :

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

  • गैस का कोई निश्चित आयतन और आकार नहीं होता है।
  • गैस में अणुओं के बीच अधिक रिक्त स्थान होता है,जिससे गैस में उच्च संपीड्यता/संपीड़न होती है।
  • गैस के बीच आकर्षण बल नगर में होता है और वे और नियमित रूप से गति करते हैं जैसे: ऑक्सीजन, नाइट्रोजन इत्यादि।
हमने अभी पदार्थ की तीन अवस्थाओं ठोस, द्रव और गैस के बारे में जाना। ये तीनों अवस्थाएं पूरी सृष्टि में कहीं ना कहीं विद्यमान है और हमें इसके कई सारे उदाहरण देखने को मिलते हैं। हमारा खुद का शरीर भी ठोस अवस्था में पाया जाता है ह,खुद के शरीर के अंदर यह तीनों अवस्थाएं मौजूद होती है हमारा शरीर ठोस अवस्था में होता है, हमारे शरीर के अंदर बहने वाला रक्त तरल अवस्था में होता है, और हमारे शरीर के अंदर कई ऐसे गैस भी पाए जाते हैं जो गैसीय अवस्था में होते हैं।

अब हम आगे पदार्थ की शेष दो अवस्थाओं के बारे में जानते हैं जिसे चौथी व पांचवीं अवस्था कहा जाता है।


पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है|types of state of matter। पदार्थ की अवस्थाएं

4) पदार्थ की चौथी अवस्था - प्लाज्मा(plazma) :

पदार्थ के इस चिट्ठी अवस्था की खोज willium crookes (विलियम क्रुक्स) ने कि थी।

पदार्थ कि इस अवस्था में पदार्थ के कण अत्याधिक ऊर्जा(गर्म) वाले और अधिक उत्तेजित होते हैं यह कण आयनीकृत (iodized) गैस के रूप में होते हैं। जिनमें इलेक्ट्रॉन(electrones) का एक निश्चित अनुपात किसी परमाणु या अणु के साथ बंधे होने की बजाय स्वतंत्र होते हैं। चुकी इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक होता है इसलिए धनावेश और ऋण आवेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता प्लाज्मा को विद्युत चालक बना देती है जिसके कारण यह चमकने लगता है। जैसे :- सूर्य ,तारे आदि।
  • कोई भी पदार्थ प्लाज्मा के रूप में कब आता है जब गैस आयनीकृत होती है।
  • प्लाज्मा में धनावेशित अयनो तथा ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों की संख्या लगभग समान होती है।
  • प्लाज्मा वह अवस्था है जिसमें गैसों पर विद्युत एवं चुंबकत्व का प्रभाव सर्वाधिक होता है।
  • बहुत उच्च तापमान पर निर्मित होने वाला प्लाज्मा तारों में पाया जाता है।
  • पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में प्लाज्मा और परमाणु कणों के बीच की प्रतिक्रिया "अरोरा बोरेलिस" या उत्तरी प्रकाश के लिए जिम्मेदार है।
पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है|types of state of matter। Arora borealis

  • गैस के स्वभाव के अनुसार प्लाज्मा में एक विशेष रंग की चमक होती है।
  • प्लाज्मा के कारण सूर्य और तारों में भी चमक होती है उच्च तापमान के कारण ही तारों में प्लाज्मा बनता है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

इसका एक स्वतंत्र उदाहरण फ्लोरेसेंट ट्यूब (fluorescent tube) और नियॉन बल्ब (neon bulb) हैं।
Fluorescent tube और neon bulb में प्लाज्मा होता है। fluorescent tube में हीलियम गैस (helium gas) होती हैं , जिसमें उर्जा मिलने पर यह गैस आवेशित हो जाती है आवेशित होने से ट्यूब के अंदर चमकीला प्लाज्मा तैयार होता है। और फ्लोरेसेंट ट्यूब चमकने लगता है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

5) पदार्थ की पांचवी अवस्था- bose-einstein-condensate :

पदार्थ के इस अवस्था की खोज स"नाथ बोस" ने सन् 1920 में की थी, उनके खोज पर "आइंस्टीन" ने यह predict किया था कि पदार्थ की पांचवी अवस्था हो सकती है या होती है। इसीलिए इस अवस्था का नाम bose-einstein-condensate  रखा गया।

पदार्थ की पांचवी अवस्था तब प्राप्त होती है जब सामान्य वायुदाब के घनत्व के एक लाखवे भाग जितने कम घनत्व वाली गैस को सबसे कम तापमान पर ठंडा किया जाता है तो bose-einstein-condensate अवस्था तैयार होती है।

पदार्थ की पांच अवस्थाएं होती है।

  • Satyendranath bose ने पदार्थ की पांचवी अवस्था की गणना प्रस्तुत की जिसके आधार पर अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1924 से 25 में इस का पूर्वानुमान प्रस्तुत किया था कि किसी पदार्थ की यह अवस्था हो सकती है।
  • बोस आइंस्टीन घनीभूत(bose-einstein-condensate) गैस की परमाणु शून्यता के निकट(0k / -273.15°c) क्वांटम क्रिटिकल बिंदु की स्थिति है। अर्थात  Temperature (तापमान) -273.15°c बहुत कम कर देने पर पदार्थ की bose-einstein-condensate अवस्था प्राप्त होती है इसमें, atoms (अणु), molecules (परमाणु) के जैसे दिखने लगते हैं।
  • जब पदार्थ इस अवस्था में होता है तो शून्य शून्यता (zero viscosity) की अवस्था रहती है तापमान कम करते जाने पर atoms, molecules की तरह दिखने लगते हैं। अर्थात atoms काफी बड़े-बड़े दिखने लगते हैं और अंत समय में सब एक दूसरे से मिल (merge) हो जाते हैं।
2001 में अमेरिका के एरिक ए कॉर्नेल , उल्फगैंग केटरले और कार्ल ई वेमैन ने पदार्थ की पांचवी अवस्था को प्राप्त करके दिखाया, उन्होंने पदार्थ के पांचवी अवस्था को साबित करके दिखाया ,उन्होंने पदार्थ के पांचवी अवस्था को प्रयोग करके साबित कर दिखाया। जिसके लिए उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

उम्मीद है आपको यह पसंद आया होगा, हमें फॉलो करे और हमारे उत्साह को बढ़ाए।
यदि आपके मन में कोई प्रश्न, कोई शिकायत या सुझाव हो तो आप हमें comment कर सकते हैं। आपके प्रश्न,सुझाव या शिकायत हमारे लिए महत्वपूर्ण है ,हम आपके सवालों के जवाब देने को तत्पर है।

धन्यवाद।

टिप्पणियाँ

Popular post

मेंस्ट्रुअल कप की सही साइज कैसे चुने| menstrual cup size guide

मेंस्ट्रुअल कप  की सही साइज कैसे चुने| menstrual cup size guide मासिक धर्म   जो की हर महीने होता है और मासिक धर्म में महिलाओं को काफी कुछ सहना पड़ता है। कई महिलाएं अपने पीरियड्स के दिनों में कपड़े का इस्तेमाल करती है जो उनके लिए बहुत ही हानिकारक होता है, कपड़े के इस्तेमाल से गीलापन ,लीकेज और साथ ही कपड़े के कई लेयर्स इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे कपड़े काफी भरी और अनकंफर्टेबल हो जाता है और यह देखने के भी बहुत ही बेकार लगता है ,पीरियड्स में कपड़े का इस्तेमाल करने से महिलाओं में कई तरह के इंफेक्शन कई तरह की बीमारियां होने लगती है जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है इसके वजह से कई महिलाओं की जान भी चली जाती है। इन्हीं सब से बचने के लिए मेंस्ट्रुअल कप का अविष्कार किया गया। यह कप खुद में ही सबसे उचित चीज है जिसे पीरियड्स के समय महिलाएं इस्तेमाल कर सकती है। Menstrual cup मेंस्ट्रुअल कप की सही साइज कैसे चुने| menstrual cup size guide पीरियड्स में पैड का इस्तेमाल करने से कपड़ों की तरह भारीपन तो महसूस नहीं होता लेकिन इससे भी महिलाएं पूरी तरह कंफरटेबल नहीं है क्यूंकि पीरियड्स में पैड के इस्तेमा

क्षेत्रमिति सूत्र त्रिविमीय आकृति|mensuration formula for 3D images

क्षेत्रमिति  सूत्र त्रिविमीय आकृति|mensuration formula for 3D images क्षेत्रमित के इस अध्याय के अंतर्गत किसी भी आकृति चाहे वह द्विविमिय हो या त्रिविमीय हैं उसका क्षेत्रफल( area) ,परिमाप(perimeter) तथा आयतन(volume) निकाल सकते है।   द्विविमिय आकृति ( 2D images) - द्विविमिय आकृति के अन्तर्गत वह सभी आकृतियां आती है जिसकी लंबाई ओर चौड़ाई होती है लेकिन उसकी ऊंचाई नहीं होती है। द्विविमिय आकृति के अंतर्गत वर्ग ,आयात , वृत तथा त्रिभुज जैसी आकृतियां आती है ।द्विविमिय आकृति के अन्तर्गत हम किसी भी आकृति का लंबाई, चौड़ाई, क्षेत्रफल तथा परिमाप ज्ञात करते हैं। त्रिविमीय आकृति ( 3 D images) - त्रिविमीय आकृति के अंतर्गत वह सभी आकृतियां आती है इसकी लंबाई चौड़ाई के साथ-साथ ऊंचाई भी होती है। जैसे- घन, घनाभ, गोला, शंकु, बेलन इत्यादि। त्रिविमीय आकृति के अंतर्गत हम किसी भी आकृति की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई, क्षेत्रफल, परिमाप, तथा आयतन ज्ञात करते हैं। क्षेत्रमिति सूत्र त्रिविमीय आकृति| mensuration formula for 3D images साथ ही त्रिविमीय आकृति में किसी भी आकृति का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत

मेंस्ट्रुअल कप(menstrual cup) क्या है| मेंस्ट्रुअल कप कैसे यूज करे।

मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) क्या है| मेंस्ट्रुअल कप कैसे यूज करे।  पुराने समय में लोग  मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल किया करते थे और तो और कपड़े की कमी के कारण एक ही कपड़े को धोकर इस्तेमाल किया करते थे। पहले महिलाओं को घर से कहीं बाहर जाना नहीं होता था जिससे मासिक धर्म में उनके द्वारा कपड़े का इस्तेमाल करना चल जाता था अगर कोई प्रॉब्लम भी होती थी तो क्यूंकि वे घर में रहती थी इसीलिए उन्हें ज्यादा मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ता था ,लेकिन एक ही कपड़े को इस्तेमाल करने ,गंदे कपड़े को इस्तेमाल करने से  महिलाओं को कई तरह की बीमारियां, इंफेक्शंस हो जाती थी जिससे कारण कई महिलाओं में बांझपन, cervical cancer (गर्भाशय कैंसर) जिसके कारण कई महिलाओं की जान भी चली जाती थी। मेंस्ट्रुअल कप(menstrual cup) क्या है| मेंस्ट्रुअल कप कैसे यूज करे। समय बदलता गया समय के साथ लोगो की सोच भी बदली और महिलाएं घर से बाहर जाकर काम कर रही है ,घर से बाहर निकल रही है। महिलाएं अपने सेहत के प्रति जागरूक भी हो रही है। वे गंदे कपड़े के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारियां प्राप्त कर रही है तथा दूसरों