आमिर और नेहा दो सच्चे प्रेमी, अच्छे दोस्त और एक अच्छे साथी थे,लेकिन.....
![]() |
Love story |
दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे, दोनों दूसरे धर्म के थे आमिर मुस्लिम और नेहा हिन्दू धर्म की थी, वे एक दूसरे की तरफ देखते तक नहीं थे, दोनों के परिवार में बातें होती थी कि मुस्लिम बुरे होते है हिन्दू बुरे होते है। और शायद इसीलिए दोनों एक दूसरे से बात करने से भी कतराते थे लेकिन मन ही मन एक दूसरे के लिए कुछ महसूस करते थे। धीरे धीरे दोनों की नजदीकियां बढ़ी और दोनों अच्छे दोस्त बन गए देखते देखते यह दोस्ती्प्यार में बदल गई ,दोनों इसका अंजाम जानते हुए भी एक दूसरे से प्यार कर बैठे,दोनों की नजदीकियां बढ़ गई थी।
अब दोनों शादी करना चाहते थे दोनों ने अपने घरों के अपने पैरेंट्स से बात की दोनों के पैरेंट्स तैयार हो गए लेकिन जब पता चला कि दोनों दूसरे धर्म के है उनका रिएक्शन बहुत ही भयानक था। नेहा को उसके पैरेंट्स ने कहा कि मुस्लिम धोखेबाज होते है, और उसे कमरे में बंद कर दिया और कॉलेज भी बंद करवा दिए।
![]() |
Sad love story |
दूसरी तरफ आमिर के पैरेंट्स ने कहा कि हिन्दू धोखेबाज होते है और तरह तरह की बातें कही,और उसे नेहा से शादी करने से शक्त माना कर दिया था और उसकी शादी कहीं और कराने के लिए तैयारी करने लगे थे। आमिर रोज कॉलेज जाता था ताकि वो नेहा से बात कर सके लेकिन जब एक महीनों तक उसने नेहा को कॉलेज में नहीं पाया तो उसे लगा की नेहा ने सच में उस धोका दे दिया है, उसने नेहा के बारे में बहुत पाता लगाने की कोशिश की लेकिन उसका पता नहीं चला। आमिर सीधा नेहा के घर गया उस नेहा वहा भी नहीं मिली। नेहा के माता पिता को अपनी गलती का अहसास हो चुका था,उन्होंने नेहा की आखरी चिट्ठी आमिर को दी,जिसमें लिखा था।
![]() |
Love letter |
प्यारे आमिर ,
मै तुमसे बहुत प्यार करती हूं ,लेकिन दुनिया हमें साथ जीने नहीं देगी,और तुम्हारे भिना जीना मौत से भी बुरा है इसीलिए मै जा रही हू। दुआ करूंगी की अगले जन्म में जब हम मिले तो ऐसी धर्म और जात की घटिया सोच रखने वाले इंसानों के बीच ना मिले।
लोग हिन्दू मुस्लिम करते करते मर जाएंगे,भगवान ने इंसान बनाया,और इंसानों ने धर्म बनाया और इंसानों को ही बाट दिया, गलत धर्म नहीं दोनों धर्मो में रहने वाले कुछ लोगो की घटिया सोच है जो अपने ही कूल को बदनाम करते है।मेरे माता पिता और तुम्हे सभी को मेरा अंतिम प्रणाम।
आमिर ने नेहा के पैरेंट्स से पूछा कि नेहा की मौत कैसे हुई, उन्होंने बताया कि हमने नेहा को कमरे में बंद कर दिया था और उसकी शादी कहीं और फिक्स कर दी थी, शादी की पहली रात ही नेहा के पति ने उसे नशे में खूब मारा,नेहा ये सब बर्दास्त ना कर सकी और दूसरे दिन वो वापस आ गई उसने हमसे कहा कि अपने आमिर एक मुसलमान को बुरा बताया लेकिन यहां एक हिन्दू ने मेरे साथ जानवरो जैसा व्यवहार किया। उसके बाद वो कमरे में चली गई और अपने हाथ कि नस काट ली ,हमने उसे इस हालत में देखा और उससे माफी मांगी उसने अंतिम बार कहा कि में आमिर से प्यार करती हूं और जब भी आपको वो मिले उस है लेटर दे देना।
ये सब जानने के बाद आमिर बहुत तू गया और उसने भी वही पर अपने हाथ की नस काटकर अपनी जान दे दी और अपनी नेहा के पास चला गया।
और दोनों का प्यार अमर हो गया।
"कलंक " बेटे और बेटी के बीच भेदभाव की एक अनोखी कहानी"
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें