"मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है"
मासिक धर्म महिलाओं को हर महीने आते और साथ में कई महिलाओं को इसमें असहनीय दर्द भी होता है। मासिक धर्म में गीलेपन , खुजली के साथ ही असहनीय दर्द हो तो महिलाओ के लिए मासिक धर्म बहुत है तकलीदेह हो जाता है। लेकिन क्या अपने कभी सोचा है कि आपको ये असहनीय दर्द, खुजली, और कई तरह के इंफेक्शंस क्यों होते है कहीं ये आपके द्वारा कपड़े के इस्तेमाल करने से तो नहीं हो रहा है ,लेकिन ये जरूरी नहीं कि कपड़े के इस्तेमाल से ही आपको असहनीय दर्द, खुजली और इंफेक्शन हो जाता है। इसका कारण कुछ और भी हो सकता है। लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि महिलाओं में कपड़ों के इस्तेमाल से ही खुजली , इंफेक्शन और कई तरह की बीमारियां हो जाती है। और कई महिलाएं जो कपड़ों का ही इस्तेमाल करती है लेकिन इससे उन्हें कोई इंफेक्शन ,खुजली ,दर्द जैसी कोई बीमारी नहीं होती है, उनका स्वास्थ्य बहुत ही अच्छा होता है । तो क्या अब आपको कपड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं, हम आपको बताते है कि क्या कपड़े का इस्तेमाल करना सही है या नहीं, या फिर आपको कपड़े का इस्तेमाल करना छोड़ देना चाहिए।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है या नहीं।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए : मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्यूंकि एक ही कपड़े को महिलाएं धो कर कई सालो तक उसका इस्तेमाल करती है जिससे कई समय से एक ही कपड़ों के इस्तेमाल से वह कपड़ा भी इंफेक्टेड हो जाता है और उसमें कई तरह के बैक्टीरिया , फंगस और कई तरह के सूक्ष्म कीटाणु पनपनेे लगते है । एक ही कपड़े के इस्तेमाल से कई महिलाओं में इंफेक्शन होने का डर रहता है कपड़े के इस्तेमाल करने से कई महिलाओं में तरह-तरह की बीमारियां हो जाती है जिससे उनकी जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है। कई महिलाओं में बांझपन, इनफेक्शंस, सर्वाइकल कैंसर की बीमारियां हो जाती है। और साथ ही कपड़े के इस्तेमाल से गीलापन महसूस होता है तथा इसके लिक होने का डर भी बना रहता है।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है।
तो क्या पैड के इस्तेमाल करने से महिलाओं में बीमारियों का खतरा नहीं रहता है उन्हें इंफेक्शन का खतरा नहीं रहता है क्या उन्हें बांझपन या सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारियां होने का कोई भी खतरा नहीं रहता है। नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है पैड के इस्तेमाल करने से भी महिलाओं में इंफेक्शन सर्वाइकल कैंसर तथा तरह-तरह की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। पैड और कपड़े में कोई अंतर नहीं है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि जब महिलाएं पैड का इस्तेमाल करती हैं तो रोज नए पैड का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कपड़े के इस्तेमाल में उसी कपड़े को कई सालों तक इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें कई तरह से सूक्ष्म कीटाणु, बैक्टीरिया ,फंगस कपड़े में पनपने लगते हैं और कपड़े को पूरी तरह से इनफेक्टेड कर देते हैं और पुनः जब उसी कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है तो उसमें पनप रहे बैक्टीरिया, फंगस एवं कीटाणुओं से महिलाओं की योनि भी इनफेक्टेड हो जाती हैं जिसके कारण कीटाणु, बैक्टीरिया महिलाओं की योनि मार्ग से होते हुए शरीर के अंदर चले जाते हैं और जिसके कारण ही महिलाओ को इंफेक्शन हो जाता है। जिसके बाद महिलाओ में खुजली असहनीय दर्द एवं और भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है।
लेकिन यह परेशानियां हमें पैड के साथ भी देखने को मिलती है क्योंकि पैड में कई तरह के केमिकल्स उपलब्ध होते हैं, जो खून से मिलते ही उसके साथ रिएक्शन करने लगतो है। जिससे उसमें कई तरह में बैक्टीरिया उत्पन्न होने लगते है और जो महिलाओ की योनि को इंफेक्टेड कर देता है जिसके कारण महिलाओ को योनि संक्रमण, इन्फेक्शन ,खुजेली और कैंसर जैसी बड़ी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है कई महिलाओं में पैड का इस्तेमाल करने के पश्चात इंफेक्शन होने के मामले सामने आए हैं इसमें उन्हें खुजली और रैशेज होने की शिकायत देखने को मिले हैं साथ ही पैड के इस्तेमाल से भी गीलापन की समस्या तो महिलाओ को झेलनी ही पड़ती है और इसमें में लिक होने का खतरा तो रहता ही है। इसलिए महिलाएं अब पैड के इस्तेमाल करने से भी बच रही है तो अब यहां ये सवाल यह उठता है कि महिलाओ को किस चीज का इस्तेमाल करना चाहिए कपड़े या पैड का।
"किस चीज का इस्तेमाल करना सही है कपड़े या पैड"
ज्यादातर महिलाएं जो कपड़े जा इस्तेमाल करती है वो बीमार नहीं पड़ती उन्हें किसी भी तरह का कोई इंफेक्शन नहीं होता है और ना ही उन्हें खुजली रैशेज का सामना करना पड़ता है ऐसा क्यों। ऐसा इसीलिए क्यूंकि कपड़े में कोई तरह का केमिकल नहीं होता है । कपड़े का इस्तेमाल करना बिल्कुल सही है और महिलाओ को कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि कपड़े में किसी भी तरह का केमिकल उपलब्ध नहीं होता है, जिससे कपड़ा महिलाओं के खून के साथ रिएक्शन नहीं करता है और ना ही किसी भी बीमारी को जन्म देता है। लेकिन उसी कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए जो बिल्कुल साफ और स्वच्छ हो।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है।
कपड़े का इस्तेमाल करना बिल्कुल सही है लेकिन साफ और स्वच्छ कपड़े का जो पूरी तरह से डेटॉल में धोकर सूरज की रोशनी में सुखाया गया हो। क्योंकि मासिक धर्म में इस्तेमाल किए गए कपड़े में खून के साथ-साथ कई बैक्टीरिया, फंगस भी पनपने लगते हैं यदि इस कपड़े को साफ और ठंडा पानी में डेटॉल के साथ धोया जाए तो इसके सारे बैक्टीरिया, फंगस मर जाते हैं और जो बचे रह जाते है वो धूप में सुखाया जाने पर वो भी मर जाते है। धूप तो बैक्टीरिया और फंगस का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। जब भी पीरियड के कपड़े को धूप में सुखाया जाता है तो उसके सारे बैक्टीरिया मर जाते हैं। इसीलिए डेटोल से धोया हुआ और धूप में सुखाया हुआ कपड़ा मासिक धर्म में उपयोग हेतु उचित होता है। जिसका इस्तेमाल महिलाएं बिना डर और आसानी से कर सकती है लेकिन किसी भी कपड़े का इस्तेमाल महिलाओं को सालों तक नहीं करना चाहिए महिलाओं को एक कपड़े का इस्तेमाल एक साल तक ही करना चाहिए। उसके पश्चात उन्हें दूसरे कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए। क्यूंकि एक साल तक लगातार इस्तेमाल करने से कपड़े में खून के ध्ब्बे पड़ जाते है जो ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने से उनसे भी इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है।
तो महिलाओं के लिए मासिक धर्म में सबसे ज्यादा उपयोगी कपड़ा ही होता है क्योंकि साफ कपड़े से उन्हें किसी भी तरह के इंफेक्शन ,खुजली रैशेज होने का कोई भी खतरा नहीं रहता है लेकिन पैड का इस्तेमाल करने से उसमें उपस्थित केमिकल्स उन्हें इनफेक्टेड कर देते हैं और केमिकल्स की वजह से कई महिलाओं को खुजली और रशेस तथा कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण उन्हें मासिक धर्म में असहनीय दर्द भी होता है। इसलिए महिलाओं को मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना ज्यादा उचित है लेकिन उन्हें साफ और स्वच्छ कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है।
और पैड कपड़े के मुकाबले काफी पतला भी होता है जिसके कारण उसे हर 6 से 8 घंटे के बीच बदलना पड़ता है और यदि पैड को ज्यादा देर तक इस्तेमाल किया जाए तो उस पर उपस्थित केमिकल्स तुरंत ही बॉडी को इनफेक्टेड कर देते हैं लेकिन कपड़े को 12 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि उसमें कोई भी केमिकल मिला नहीं होता है जिसके कारण इंफेक्शन का कोई भी डर नहीं होता है लेकिन महिलाओं को साफ एवं स्वच्छ कपड़े का ही इस्तेमाल करना चाहिए। पैड के बार-बार बदलने से पर्यावरण को भी नुकसान होता है क्योंकि पैड को पर्यावरण में ही फेकना, डिस्पोज करना पड़ता है और एक ही कपड़े के बार बार इस्तेमाल करने की वजह से कपड़े को बार-बार डिस्पोज करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है इसके कारण पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता है।
मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करना सही है।
तो महिलाओ के लिए पैड के मुकाबले कपड़े का पैड ही बेहतर है और आजकल कई कंपनियां कपड़े के बने पैड भी बेच रही है जो महिलाओ के लिए पैड के मुकाबले उपयुक्त है इसीलिए महिलाओ को पैड के बजाय कपड़े का ही इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन को महिलाएं गीलेपन और पैड तथा कपड़े का इस्तेमाल नहीं करना चाहती उनके लिए सबसे उपयुक्त मेंस्ट्रुअल कप है जिसके इस्तेमाल से ना ही तो कोई इंफेक्शन , खुजली होने का डर रहता है और ना ही कभी इसके इस्तेमाल से खून लिक तथा गीलेपन की चिंता रहती है। और ना ही इसके इस्तेमाल करने से पर्यावरण को कोई हानि होती है क्यूंकि इसे डिस्पोज करने का कोई भी टेंशन नहीं रहता है और इसे एक बार खरीद लेने पर 10 वर्षों तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
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