मुंगेर में राशन लाभुकों का राशन खा गए डीलर,कार्यवाई के नाम पर भाग रहे पदाधिकारी|munger me dalito ka rashan kha gaye dealer
मुंगेर में लाभुकों का राशन खा गए डीलर, कार्यवाई के नाम पर भाग रहे पदाधिकारी।
इस वैश्विक महामारी covid 19 में जहा सरकार लोगो को मुफ्त में राशन बाट रही है वहीं मुंगेर के धरहरा प्रखंड के अतवलपुर गांव में दलितों का रासन खा गए डीलर,लाभुकों ने बताया कि डीलर द्वारा उन्हें करीब छः महीने से राशन नहीं मिल रहा है,कुछ न कुछ बहाने बनाकर राशन डीलर लाभुकों को वापस लौटा देते है। लाभुकों के शिकायतों पर भी जिला आपूर्ति विभाग की तरफ से डीलरो पर कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। कार्यवाई के नाम पर भाग रहे है पदाधिकारी क्योंकि डीलर का पति जिला आपूर्ति विभाग आदेशपाल है।
मुंगेर में लाभुकों का राशन खा गए डीलर, कार्यवाई के नाम पर भाग रहे पदाधिकारी।
मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर पहाड़ के मैदानी इलाके में बसा अतवलपुर गांव जो अमाड़ी पंचायत के वार्ड न0-14 में आता है।इस गांव में लगभग 150 घर है। जिन्हे लगभग छः महीनों से राशन नहीं मिल रहा है।
मुंगेर में लाभुकों का राशन खा गए डीलर, कार्यवाई के नाम पर भाग रहे पदाधिकारी।
जहां एक ओर सरकार इस वैश्विक महामारी के दौरान लोगों को मुफ्त में अनाज देर है वहीं दूसरी ओर राशन वितरक प्रणाली इन गांव के लोगो का अनाज बेचकर खा जाते है। इस गांव के पंच शंकर मांझी कि माने तो डीलर रेखा देवी खाद्यान वितरण के मामले में हमेशा मनमानी करती है कभी भी खाद्यान समय पर वितरण नहीं करती है और उसपर से पॉस मशीन पर अंगूठा लगवाकर लाभुक को आधा रासन यानी के फ्री वाला रासन लाभुक को देती है बांकी का रासन रख लेती है।बता दे सरकार ने सभी राशन लाभुकों को नवंबर तक दोगुना अनाज देने का ऐलान किया उसी बीच लाभुकों को डीलर रेखा देवी द्वारा सिर्फ आधा अनाज ही दिया जा रहा है।
और जब इस मामले में डीलर रेखा देवी के पति कामदेव प्रसाद सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने पहले तो अगस्त माह का सारा खाद्यान लाभुकों के बीच समय पर वितरण कर दिये जाने कि बात कही। फिर सच्चाई खुलते देख आनाकानी करते हुए लाभुकों राशन नहीं मिलने के कई कारण गिनाए।
मुंगेर में लाभुकों का राशन खा गए डीलर, कार्यवाई के नाम पर भाग रहे पदाधिकारी।
जब कामदेव से दुकान में रखे हुए अनाज के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने उसे बैलेंस राशन बताया और इसके बारे में एम0ओ0 को इसकी सूचना दिए जाने कि बात कही। लेकिन जब इस मामले मे धरहरा एम0ओ0 संदीप अग्रवाल से पूछा गया तो वो कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए,से कैमरे के सामने बचते हुए दिखे।
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